वैष्णो देवी हादसा: भूस्खलन में 34 श्रद्धालुओं की मौत, यात्रा स्थगित – प्रशासन पर सवाल

जम्मू-कश्मीर के कटड़ा से मां वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले अर्धकुंवारी मार्ग पर मंगलवार दोपहर हुए भूस्खलन ने पूरे प्रदेश को दहला दिया। इस हादसे में 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और करीब 22 लोग घायल हो गए। बुधवार दोपहर तक रेस्क्यू अभियान पूरा कर लिया गया और ट्रैक को खाली करा दिया गया है। घायलों का इलाज कटड़ा के नारायणा अस्पताल में जारी है।


बिना दर्शन लौट रहे श्रद्धालु

भारी आपदा के कारण मां वैष्णो देवी की यात्रा स्थगित कर दी गई है। कई श्रद्धालु बिना दर्शन किए ही अपने घरों को लौटने लगे हैं। वहीं कटड़ा में अभी भी लगभग चार हजार से अधिक श्रद्धालु यात्रा शुरू होने के इंतजार में हैं। बताया जा रहा है कि मंगलवार तक कटड़ा और जम्मू के होटलों व गेस्ट हाउसों में करीब 20 हजार यात्री ठहरे हुए थे।


कैसे हुआ हादसा?

मंगलवार दोपहर अर्धकुंवारी के पास भूस्खलन से भारी मात्रा में मलबा गिरा, जिससे करीब 200 फीट का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। ट्रैक को ठीक करने में अभी और समय लग सकता है।

उधर, मौसम विभाग के अनुसार, 24 घंटों में उधमपुर में 629.4 मिमी और जम्मू में 296 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक दिन में वर्षा का रिकॉर्ड है।


प्रदेश में तबाही का मंजर

पिछले दो दिनों में भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन से प्रदेश भर में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है।

  • झेलम नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर है और श्रीनगर के कई इलाकों में पानी भर गया है।
  • अनंतनाग के अच्छाबल में नदी का पानी घरों में घुस गया।
  • अखनूर (जम्मू) में चिनाब नदी के पास फंसे बीएसएफ के सात जवानों को ग्रामीणों ने बचाया, लेकिन एक जवान की मौत हो गई।
  • किश्तवाड़ के वाढवन में बादल फटने से 10 मकान बह गए।
  • अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, श्रीनगर, बड़गाम और गांदरबल में भी भारी बारिश और नुकसान की खबरें हैं।

रेस्क्यू अभियान और राहत कार्य

  • पिछले 24 घंटों में 25,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया
  • बाढ़ प्रभावित इलाकों में लगातार एसडीआरएफ और सेना के जवान तैनात हैं।
  • प्रशासन ने गुरुवार को पूरे प्रदेश में स्कूल-कॉलेज बंद रखने का निर्देश दिया है।
  • जम्मू के मंडलायुक्त रमेश कुमार ने बताया कि ज्यादातर बंद रास्तों को खोल दिया गया है, लेकिन भूस्खलन से प्रभावित इलाकों में अभी भी आवाजाही बाधित है।

मुआवजे की घोषणा

  • उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मृतकों के परिजनों को 9 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
  • मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी प्रत्येक मृतक के परिवार को 6 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की बात कही। साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि आपदा चेतावनी के बावजूद श्रद्धालुओं को रोका क्यों नहीं गया, इसकी जांच होनी चाहिए।

श्रद्धालुओं में आक्रोश

हादसे के बाद श्रद्धालुओं में भारी गुस्सा है। कई लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने मौसम की चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके चलते इतनी बड़ी त्रासदी हुई। अब हजारों लोग दर्शन किए बिना ही वापस लौट रहे हैं और यात्रा दोबारा शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।


निष्कर्ष

वैष्णो देवी यात्रा में हुआ यह हादसा केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। जहां एक ओर श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था के साथ बड़ा नुकसान झेला, वहीं प्रदेश में जारी भारी बारिश और बाढ़ ने हालात को और गंभीर बना दिया है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार और प्रशासन कितनी जल्दी हालात सामान्य कर पाते हैं और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाते हैं।

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