नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत और चीन पर दबाव बनाने वाली नीतियों को आड़े हाथों लिया है। पुतिन ने कहा कि औपनिवेशिक काल जैसी रणनीतियां अपनाकर शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव बनाना अनुचित है।
पुतिन का सीधा हमला
पुतिन ने बीजिंग में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि भारत और चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के अपने राजनीतिक तंत्र और कानून हैं। इन देशों ने इतिहास में औपनिवेशिक हमलों और संप्रभुता पर संकटों का सामना किया है। ऐसे में किसी भी बड़े देश पर दंडात्मक दबाव डालना सही नहीं है।
पुतिन ने कहा,
“औपनिवेशिक काल समाप्त हो चुका है। आज किसी भी साझेदार देश से बातचीत करते समय उसी तरह की दबाव वाली नीति अपनाना गलत है।”
ट्रंप की समझ पर उठाए सवाल
रूसी राष्ट्रपति ने ट्रंप की समझदारी पर भी सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि किसी भी देश के नेता पर जबरन दबाव बनाने से वह अपने राजनीतिक करियर को खतरे में डाल देगा। यही कारण है कि भारत और चीन जैसे देशों के साथ सम्मानजनक और सहयोगी रवैया अपनाना जरूरी है।
भारत और चीन पर ट्रंप का दबाव
ट्रंप प्रशासन ने हाल के दिनों में भारत और चीन दोनों पर ट्रेड टैरिफ लगाकर दबाव बनाने की कोशिश की है।
- भारत पर 50% टैरिफ लगाया गया, खासतौर पर रूसी तेल खरीदने को लेकर।
- चीन पर शुरुआत में 145% टैरिफ लगाया गया था, लेकिन बाद में बीजिंग के साथ एक अंतरिम समझौता करके इसे घटाकर 30% कर दिया गया।
साझेदारी पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की यह रणनीति भारत और चीन जैसे वैश्विक साझेदारों के साथ संबंधों में तनाव पैदा कर सकती है। वहीं, रूस लगातार भारत के साथ ऊर्जा, व्यापार और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है।